
मन्सा देवी मंदिर, भारत के उत्तराखंड राज्य के पवित्र शहर हरिद्वार में देवी मनसा देवी को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर हिमालय की सबसे दक्षिणी पर्वत श्रृंखला, शिवालिक पहाड़ियों पर बिल्व पर्वत के ऊपर स्थित है । यह मंदिर, बिल्व तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर मां मनसा को समर्पित है, जो मां दुर्गा का ही एक रूप मानी जाती है। मनसा को नाग वासुकि की बहन माना जाता है । उन्हें मानव अवतार में भगवान शिव की बेटी भी माना जाता है। इसलिए माँ मन्सा को नागों की माता भी माना जाता है ! मन्सा शब्द का अर्थ इच्छा है और ऐसा माना जाता है कि देवी सच्चे भक्त की भी इच्छाएं पूरी करती हैं।
इस मंदिर में देवी की दो मूर्तियां स्थापित की गई हैं। एक मूर्ति की पांच भुजाएं एवं तीन मुख हैं एवं दूसरी मूर्ति के आठ भुजाएं हैं। धार्मिक कथाओं में मनसा देवी को सापों के राजा नाग वासुकी की पत्नी बताया जाता हैं।
माँ मन्सा देवी के मंदिर में सदियों पुराना एक वृक्ष है। यहां आनेवाले भक्त इस वृक्ष में पवित्र धागा या मौली बांधकर मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद वापस जाकर धागा खोलकर आते हैं। यहां का आभामंडल प्राकृतिक और दिव्य है। आप चाहें तो पैदल मार्ग से या रोपवे कार द्वारा भी इस मंदिर के प्रांगण तक पहुंच सकते हैं।

मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्री या तो पैदल जाते हैं या रोप-वे सेवा की सवारी करते हैं। रोप-वे तीर्थयात्रियों को निचले स्टेशन से सीधे मनसा देवी मंदिर तक ले जाता है। रोप-वे की कुल लंबाई 540 मीटर (1,770 फीट) है और इसकी ऊंचाई 178 मीटर (584 फीट) है।
मन्दिर का संचालन निरंजनी अखाड़े द्वारा किया जाता है !
